कम्प्यूटर का सामान्य परिचय (General Introduction of Computer)
कम्प्यूटर का सामान्य परिचय (General Introduction of Computer):
कम्प्यूटर क्या है? (What is Computer?)
कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो मानव के कठिन से कठिन कार्यों को तीव्र गति से करता है, इसकी क्षमता सीमित है। यह अंग्रेजी शब्द Compute से बना है जिसका अर्थ गणना करना होता है। इसका उपयोग बहुत सारे सूचनाओं को प्रोसेस करने तथा इकठ्ठा करने के लिए होता है। कम्प्यूटर एक यंत्र है जो डेटा ग्रहण करता है, व सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार किसी भी परिणाम के लिए प्रोसेस करता है। कम्प्यूटर को कृत्रिम बुद्धि की संज्ञा दी गई है। इसकी स्मरण शक्ति मानव की तुलना में उच्च होती है।
कम्प्यूटर सम्बंधित प्रारंभिक शब्द (Elementary words Relating to Computer)
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डेटा (Data) – यह अव्यवस्थित आंकड़ा या तथ्य है। यह प्रोसेस के पहले की अवस्था है। साधारणता डेटा को दो भागों बांटा गया है –
(i) संख्यात्मक डेटा (Numerical Data) – जहाँ पर 0 से 9 तक के अंकों का प्रयोग किया जाता है वह संख्यात्मक डेटा कहलाता है। जैसे – मोबाइल नंबर, कर्मचारियों का वेतन, परीक्षा में प्राप्त अंक, रोल नंबर, अंक गणितीय संख्याएं आदि।
(ii) अल्फान्यूमेरिक डेटा (Alphanumeric Data) – जहाँ पर डेटा में अंकों, अक्षरों, तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है अल्फान्यूमेरिक डेटा कहलाता है। जैसे – पता (Address) आदि।
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सूचना (Information) – यह एक अव्यवस्थित डेटा का प्रोसेस करने के बाद प्राप्त परिणाम होता है, जो व्यवस्थित होता है।
कम्प्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer)
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यह तीव्र गति से कार्य करता अर्थात समय की बचत होती है।
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यह त्रुटि रहित कार्य करता है कोई गलती नहीं करता है।
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यह स्थाई विशाल भण्डारण क्षमता की सुविधा प्रदान करता है।
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यह पूर्व निर्धारित निर्देशों के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम है।
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यह मल्टीटास्किंग में सक्षम होता है, अर्थात एक साथ कई काम कर सकता है।
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यह बड़े और जटिल डेटा को भी आसानी से प्रोसेस कर सकता है।
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यह ऊर्जा की बचत करता है और लंबे समय तक बिना थके काम कर सकता है।
कम्प्यूटर के उपयोग (Uses of Computer)
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व्यापार में – कम्प्यूटर से लेन-देन, इन्वेंटरी मैनेजमेंट और अकाउंटिंग किया जाता है।
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शिक्षा के क्षेत्र में – ऑनलाइन शिक्षा, वर्चुअल क्लासरूम और रिसर्च में उपयोग होता है।
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वैज्ञानिक अनुसन्धान में – डेटा एनालिसिस, सिमुलेशन और मॉडलिंग के लिए।
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रेलवे आरक्षण में – टिकट बुकिंग और सीट अलॉटमेंट।
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बैंकों में – ट्रांजैक्शन, अकाउंट मैनेजमेंट और ग्राहक सेवा।
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चिकित्सा विज्ञान में – रोग निदान, मेडिकल रिकॉर्ड्स और टेलीमेडिसिन।
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प्रकाशन में – समाचार पत्र, किताबें और डिजिटल मीडिया।
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प्रशासन में – सरकारी कार्य, डेटा प्रबंधन और रिपोर्टिंग।
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मनोरंजन में – गेमिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग और संगीत।
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संचार – ईमेल, सोशल मीडिया, और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग।
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कृषि में – मौसम पूर्वानुमान, फसल प्रबंधन और बाजार विश्लेषण।
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परिवहन और लॉजिस्टिक्स – वाहन ट्रैकिंग और मार्ग नियोजन।
कम्प्यूटर के कार्य (Function of Computer)
1. डेटा संकलन (Data Collection)
2. डेटा संचयन (Data Storage)
3. डेटा संसाधन (डेटा Processing)
4. डेटा निर्गमन (Data Output)
5. नियंत्रण कार्य (Control Operation) – कम्प्यूटर विभिन्न उपकरणों और प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है।
6. त्रुटि जाँच (Error Detection) – कार्य के दौरान त्रुटियों की पहचान कर सुधार करता है।
डेटा प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग में अंतर:
कम्प्यूटर निर्माण के पहले कोई भी लिखा-पढ़ी, बही-खाता हस्तचालित तरीके से किया जाता था जिसे डेटा प्रोसेसिंग कहते हैं। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हुआ, जो काम हम हस्तचालित तरीके से करते थे, वह काम कम्प्यूटर से किया जाने लगा और कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है इसलिए इसे इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग कहते हैं। डेटा प्रोसेसिंग का मुख्य लक्ष्य अव्यवस्थित डेटा (Raw Data) से व्यवस्थित डेटा (Information Data) प्राप्त करना है, जिसका उपयोग निर्णय लेने के लिए होता है।
कम्प्यूटर के प्रमुख प्रकार (Types of Computers):
- सुपरकम्प्यूटर – बहुत उच्च गति और जटिल गणना के लिए।
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मेनफ्रेम कम्प्यूटर – बड़े संस्थानों के लिए।
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मिनीकम्प्यूटर – मध्यम आकार के कार्य के लिए।
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माइक्रोकम्प्यूटर – व्यक्तिगत उपयोग के लिए, जैसे डेस्कटॉप, लैपटॉप।
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टैबलेट और स्मार्टफोन – पोर्टेबल कंप्यूटिंग डिवाइस।
कम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of Computer)
1. स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकता
कम्प्यूटर स्वयं कोई निर्णय नहीं ले सकता। यह केवल उन्हीं निर्देशों पर कार्य करता है जो पहले से दिए गए होते हैं।
2. भावनाएँ और सोचने की क्षमता नहीं होती
कम्प्यूटर में मानव की तरह भावनाएँ, संवेदनाएं या सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती। यह केवल तार्किक (logical) ढंग से काम करता है।
3. निर्देशों पर निर्भर होता है
कम्प्यूटर को कोई भी कार्य करने के लिए निर्देश (प्रोग्रामिंग) देना आवश्यक होता है। बिना निर्देश दिए यह कोई कार्य नहीं कर सकता।
4. रचनात्मकता की कमी
कम्प्यूटर नई सोच, कल्पना या रचनात्मक विचार नहीं दे सकता। यह केवल उपलब्ध डेटा और कोड के अनुसार कार्य करता है।
5. भाषा की सीमाएं
कम्प्यूटर सभी भाषाओं को नहीं समझता। इसे केवल वही भाषा समझ में आती है जिसमें उसे प्रोग्राम किया गया हो (जैसे मशीन लैंग्वेज या हाई-लेवल लैंग्वेज)।
6. निर्दिष्ट कार्यक्षेत्र
कम्प्यूटर को जिस क्षेत्र या उद्देश्य के लिए डिजाइन किया गया है, वह केवल उसी क्षेत्र में कार्य कर सकता है। इसके बाहर यह अक्षम होता है।
7. तकनीकी खराबी की संभावना
बिजली, हार्डवेयर फेल्योर, वायरस, या अन्य तकनीकी कारणों से कम्प्यूटर रुक सकता है या डेटा नष्ट हो सकता है।
8. मानव सहायता की आवश्यकता
कम्प्यूटर को चलाने, अपडेट करने, मेंटेन करने और डेटा देने के लिए हमेशा मानव की आवश्यकता होती है।
अस्वीकरण (Disclaimer):
- इस दस्तावेज़ में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य ज्ञान हेतु प्रस्तुत की गई है। इसमें प्रयुक्त सभी तथ्यों, परिभाषाओं और उदाहरणों का उद्देश्य पाठकों को कम्प्यूटर की मूलभूत जानकारी देना है। यथासंभव जानकारी को सही और अद्यतन रखने का प्रयास किया गया है, लेकिन इसकी पूर्णता, सटीकता या प्रामाणिकता की कोई गारंटी नहीं दी जाती।पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी तकनीकी या पेशेवर निर्णय से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इस दस्तावेज़ के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हानि के लिए लेखक या प्रकाशक उत्तरदायी नहीं होंगे।
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